देश में आज से नए श्रम कानून लागू हो गए हैं। इसे भारतीय मजदूर व्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने चार नई श्रम संहिताओं को आधिकारिक तौर पर लागू कर दिया है। सरकार का कहना है कि यह सिर्फ कानूनी कागजी कार्रवाई नहीं है, बल्कि देश के 40 करोड़ से ज्यादा कामगारों की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम है। इन नए नियमों से मजदूरों के अधिकार मजबूत होंगे और कामकाजी माहौल में पारदर्शिता आएगी। आइए जानते हैं कि ये नए कानून क्या बदलाव लाएंगे।
मिनिमम वेतन की पक्की गारंटी
नए श्रम कानून का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब हर मजदूर को समय पर न्यूनतम वेतन मिलने की गारंटी है। पहले कई जगहों पर मालिक मनमानी करते थे और कम पैसे देते थे या देरी से देते थे। अब ऐसा नहीं होगा।
सरकार ने साफ किया है कि निर्धारित मिनिमम वेज से कम पर किसी को भी काम पर नहीं रखा जा सकता। अगर कोई मालिक ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह नियम हर सेक्टर में लागू होगा चाहे वह फैक्ट्री हो, दुकान हो या कंस्ट्रक्शन साइट। मजदूरों के शोषण पर अब लगाम लगेगी।
नौकरी में अप्वॉइंटमेंट लेटर अनिवार्य
युवाओं के लिए एक बड़ी राहत यह है कि अब हर नौकरी में नियुक्ति पत्र यानी अप्वॉइंटमेंट लेटर देना अनिवार्य कर दिया गया है। पहले बहुत सी जगहों पर बिना किसी लिखित दस्तावेज के काम करवा लिया जाता था।
अब जैसे ही कोई युवा नौकरी ज्वाइन करेगा, उसे एक साफ-साफ लिखित पत्र मिलेगा जिसमें सैलरी, काम के घंटे, छुट्टियां और दूसरी सुविधाओं की पूरी जानकारी होगी। इससे बाद में किसी तरह का विवाद नहीं होगा। यह कदम खासतौर पर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। अब कोई भी कंपनी मनमानी नहीं कर सकेगी।
महिलाओं को समान वेतन का अधिकार
नए श्रम कानून में महिला कामगारों के लिए खास प्रावधान किए गए हैं। अब Equal Pay यानी समान काम के लिए समान वेतन का नियम सख्ती से लागू होगा। कई जगहों पर महिलाएं वही काम करती हैं जो पुरुष करते हैं, लेकिन उन्हें कम पैसे दिए जाते थे।
अब ऐसा करना कानूनी अपराध होगा। अगर कोई महिला और पुरुष एक ही तरह का काम कर रहे हैं, तो दोनों को बराबर वेतन मिलना जरूरी है। यह नियम जेंडर के आधार पर होने वाले भेदभाव को खत्म करेगा। महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षा और सम्मान के भी नए प्रावधान दिए गए हैं। यह एक बड़ा कदम है महिला सशक्तिकरण की दिशा में।
ओवरटाइम और सोशल सिक्योरिटी में बदलाव
नए कानून में काम के घंटों को लेकर भी साफ नियम बनाए गए हैं। अगर कोई मजदूर तय समय से ज्यादा काम करता है तो उसे ओवरटाइम का पैसा मिलेगा। यह पैसा नॉर्मल वेतन से दोगुना होगा।
इसके अलावा सोशल सिक्योरिटी यानी सामाजिक सुरक्षा के भी नए प्रावधान हैं। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को भी अब पीएफ, ग्रेच्युटी और इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं मिलेंगी। सरकार ने एक यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी कोड बनाया है जो सभी कामगारों को कवर करेगा। बुढ़ापे में पेंशन और मेडिकल इमरजेंसी में मदद की भी व्यवस्था की गई है। यह कदम गिग वर्कर्स और फ्रीलांसरों के लिए भी फायदेमंद होगा।
Disclaimer: यह जानकारी सामान्य जानकारी के आधार पर दी गई है, नए श्रम कानूनों की पूरी और सटीक जानकारी के लिए श्रम मंत्रालय की आधिकारिक अधिसूचना या वेबसाइट देखें।